
दुर्ग छत्तीसगढ़ में दहेज मुक्त विवाह की नई मिसाल
रिपोर्ट प्रशान्त पटेल
संत रामपाल जी के शिष्यों ने दिखाया समाज को सादगी का रास्ता
दुर्ग छत्तीसगढ़ : आधुनिक समय में जहां महंगी शादियों और दहेज के भारी लेन-देन का चलन बढ़ गया है, वहीं संत रामपाल जी महाराज के शिष्यों ने इस सामाजिक कुरीति को खत्म करने के लिए एक नया उदाहरण प्रस्तुत किया। 29 जुलाई 2024 को दुर्ग के नामदान केन्द्र मैत्रीकुंज में एक साधारण और सादगीपूर्ण विवाह का आयोजन किया गया, जिसमें न तो डीजे था, न घोड़ा, न बैंड-बाजा, न बाराती, और न ही किसी प्रकार का आडंबर।
जिसमें (1) भक्त विनय दास पिता गुलाब सिंह संग भक्तमति ओमेश्वरी दासी पिता चन्दु दास
(2) भक्त प्रदुमन दास पिता रमेश साहू संग भक्तमति प्रीति दासी पिता गौकर्ण दास का विवाह संपन्न हुआ।
यह विवाह गुरुवाणी द्वारा मात्र 17 मिनट में संपन्न हुआ और इसमें दहेज का कोई लेन-देन नहीं हुआ। वर और वधू पक्ष के सभी परिवारजन अति उत्साहित थे और अपने गुरुदेव के बताए मार्ग पर चलते हुए समाज में एक मिसाल कायम की। नव दंपति को उनके नए जीवन की शुरुआत पर संत रामपाल जी महाराज द्वारा लिखित पवित्र पुस्तक ‘जीने की राह’ भेंट की गई। इस विवाह ने समाज को दिखाया कि सच्चे प्रेम और समर्पण के साथ भी एक विवाह को सादगी और बिना किसी सामाजिक कुरीति के संपन्न किया जा सकता है।
इस विवाह मे जिले के आसपास के गणमान्य लोगों के साथ जिले के रामनरेश महतो खेमेन्द साहु ब्लाक संयोजक देवसिंग दास मानिकपुरी, सेवक राम देवांगन, मुकेश दास, भूषण साहू मुख्य रूप से उपस्थित रहे।